Kiran Choudhary Joins BJP: मंगलवार को, हरियाणा कांग्रेस (Haryana Congress) के वरिष्ठ नेता किरण चौधरी और उनकी बेटी श्रुति चौधरी ने पार्टी छोड़ दी। दोनों ने बुधवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) में पदार्पण किया। हरियाणा में किरण चौधरी और श्रुति चौधरी बड़े नेता हैं। दोनों ने कांग्रेस छोड़ दी, जो पार्टी को बड़ा झटका लगा है।
किरण चौधरी और उनकी बेटी बीजेपी मे हुई शामिल
कांग्रेस विधायक दल (Haryana Congress) की पूर्व नेता किरण चौधरी और उनकी बेटी श्रुति चौधरी ने बीजेपी में शामिल हो गए हैं। साथ ही श्रुति चौधरी पूर्व सांसद हैं। दोनों बुधवार को दिल्ली में बीजेपी में शामिल हो गईं। वर्तमान में किरण चौधरी तोशाम से कांग्रेस विधायक हैं, और उनकी बेटी श्रुति चौधरी प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष हैं। दोनों ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी छोड़ दी, जो एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
बीजेपी अब किरण चौधरी को हरियाणा की खाली सीट से राज्यसभा भेज सकती है। किरण चौधरी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बंसीलाल की पुत्रवधू हैं, और उनकी बेटी श्रुति चौधरी भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से सांसद रह चुकी है। इस बार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर आरोप लगाया जाता है कि उन्होंने श्रुति चौधरी का टिकट कटवाकर राव दान सिंह को दिलवाया, लेकिन राव दान सिंह भी भिवानी-महेंद्रगढ़ से चुनाव जीत नहीं सके।
किरण चौधरी का बीजेपी में प्रवेश करते ही उनका Haryana Congress में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से विवाद समाप्त हो गया। कांग्रेस को इससे बड़ा नुकसान हुआ है। यही कारण है कि बीजेपी को हरियाणा में एक प्रभावशाली कद्दावर नेता मिल गया है।
किरण चौधरी राज्यसभा भेजी जा सकती है
किरण चौधरी दिल्ली विधानसभा की उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेतृत्व और किरण चौधरी के बीच समझौता होने पर उन्हें भी हरियाणा से राज्यसभा में भेजा जा सकता है। रोहतक से Haryana Congress उम्मीदवार दीपेंद्र हुड्डा की जीत से राज्यसभा में एक सीट खाली हो गई है। किरण चौधरी के भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस के एक विधायक की संख्या घट जाएगी। किरण ने हालांकि कहा कि वह और उनकी बेटी दोनों बिना किसी शर्त के भाजपा में शामिल हो गए हैं।
किरण चौधरी ने Haryana Congress पर लगाए आरोप
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े को भेजे गए इस्तीफे में किरण चौधरी ने कहा कि वह चार दशक से कांग्रेस पार्टी में हैं, हुड्डा का नाम लिए बगैर। हरियाणा में कांग्रेस पार्टी को पिछले कुछ समय से व्यक्तिगत स्वार्थों के लिए चलाया जा रहा है।
साथ ही, श्रुति चौधरी ने Haryana Congress में कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देते हुए कहा कि हरियाणा में कांग्रेस पार्टी एक व्यक्ति पर केंद्रित होकर रह गई है जो अपने निजी स्वार्थों के लिए पार्टी के हितों को छोड़ देता है। इसलिए उनकी पार्टी में रहना कठिन है। प्राथमिक सदस्यता से उन्हें मुक्त किया जाए।
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हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से 9 पर कांग्रेस ने चुनाव लड़ा था, जबकि कुरुक्षेत्र सीट पर “इंडिया” गठबंधन का घटक दल आम आदमी पार्टी (आप) ने चुनाव हार गया। कांग्रेस और बीजेपी ने चुनावों में 5-5 सीटें जीती हैं।