मोदी सरकार का एक फैसला, धान उत्पादक किसानों की हुई मौज, मिल रहा MSP से ज्यादा भाव

करनाल. केंद्र सरकार ने एक बार फिर चावल निर्यात नीति मे बदलाव किया है। हरियाणा के चावल निर्यातकों और धन पैदा करने वाले किसानों को त्योहारी सीजन मे बड़ा तोहफा दिया है। आपको बता दें केंद्र सरकार ने गैर-बासमती चावल पर लगाए 10% निर्यात शुल्क को पूरी तरह से हटा दिया है। अब इसका असर मंडियों मे देखने को भी मिल रहा है। एक ही दिन मे मोटा चावल (PR) के भाव मे एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) से 30 रुपये से लेकर 100 रुपये तक की तेजी आई है।

चावल के निर्यात शुल्क मे ये एक महीने मे दूसरी कटौती है। इससे पहले सितंबर मे केंद्र सरकार ने गैर-बासमती चावल, भूरे चावल, और धान पर निर्यात शुल्क 20% की बजाए 10% कर दिया था। जिससे किसानों को बड़ी राहत मिली थी।

Read this also- Haryana News: दिवाली पर बिजली कर्मचारियों को सौगात, नवंबर से पहले 2 हजार का बोनस का ऐलान

हरियाणा-पंजाब दो बड़े चावल उत्पादक राज्य

आपकी जानकारी के लिए बता दें, कॉमन धान का MSP 2,300 रुपये प्रति 100kg और ग्रेड-ए धान का MSP मूल्य 2,320 रुपये प्रति 100Kg तय किया है। हरियाणा-पंजाब देश के दो सबसे बड़े चावल उत्पादक राज्य हैं। हरियाणा मे 12.83 लाख हेक्टेयर धान के रकबे मे आधे मे बासमती और आधे मे गैर-बासमती उगाई जाती है।

अल-नीनो के कारण पिछले साल बारिश कम हुई थी जिसने धान के उत्पादन पर बड़ा असर डाला था। इंडिया के चावल निर्यात पर लगाए प्रतिबंध के कारण ग्लोबल मार्केट मे चावल की कीमत मे तेजी आई है और पाकिस्तान, थायलैंड, वियतनाम जैसे देश इसका भरपूर फायदा उठा रहे थे।

भारत का चावल एक्साइज ड्यूटी के चलते आयातक देशों को महंगा पड़ता था, जिसके चलते वे सस्ते दाम पर पाकिस्तान से चावल खरीद रहे थे। लेकिन निर्यात शुल्क पूरी तरह से हटाने के बाद अब भारत पाकिस्तान से इस मामले मे आगे निकल सकेगा।

यहाँ के बासमती चावल की महक छाई दुनिया मे

हरियाणा का बासमती चावल विशेष तौर पर करनाल, कुरुक्षेत्र और कैथल के चावल की विदेशों मे ज्यादा मांग है। अरब देश इस चावल की ज्यादा खपत करते हैं। हरियाणा मे लगभग 1,800 चावल उद्योग मिलों से जुड़े हैं।

किस किस को मिलेगा लाभ

केंद्र सरकार द्वारा चावल से निर्यात शुल्क हटाने के बाद इसका फायदा सभी को होगा। निर्यातको के लिए चावल का एक्सपोर्ट करना अब आसान हो जाएगा और ग्लोबल मार्केट भी आसानी से मिलेगी। अंतरराष्ट्रीय बाजार मे भारत के चावल निर्यात बढ़ेगा। इसके अलावा, बासमती और मोटे धान के साथ साअथ अन्य बीजों की क़िस्मों के भाव भी बढ़ेंगे। अब किसानों को भी मंडियों मे MSP से ज्यादा फसलों के भाव मिल रहे हैं।

Leave a Comment